सबसे मिलते मिलते सिखा मैंने

"गुप्त रत्न "

सबसे मिलते - मिलते सीखा मैंने भी ,
कभी खुदसे मिलना भी अच्छा होता है ।
दुनिया की भीड़-भाड़ और शोर से भी .
शांत मन और एकांत भी अच्छा होता है ।
बहुत से रिश्ते मिले उनसे सीखा भी ,
अपने परिवार मैं रहना भी अच्छा होता है ।
गुरु से कम नहीं अनुभव जीवन के ,
शिक्षा लेकर चलना भी अच्छा होता है ।
शिकायतों से कुछ नहीं बदलने वाला ,
कभी खुद को बदलना भी अच्छा होता है ।

टिप्पणियाँ