सबसे मिलते मिलते सिखा मैंने
"गुप्त रत्न "
सबसे मिलते - मिलते सीखा मैंने भी ,
कभी खुदसे मिलना भी अच्छा होता है ।
दुनिया की भीड़-भाड़ और शोर से भी .
शांत मन और एकांत भी अच्छा होता है ।
बहुत से रिश्ते मिले उनसे सीखा भी ,
अपने परिवार मैं रहना भी अच्छा होता है ।
गुरु से कम नहीं अनुभव जीवन के ,
शिक्षा लेकर चलना भी अच्छा होता है ।
शिकायतों से कुछ नहीं बदलने वाला ,
कभी खुद को बदलना भी अच्छा होता है ।
सबसे मिलते - मिलते सीखा मैंने भी ,
कभी खुदसे मिलना भी अच्छा होता है ।
दुनिया की भीड़-भाड़ और शोर से भी .
शांत मन और एकांत भी अच्छा होता है ।
बहुत से रिश्ते मिले उनसे सीखा भी ,
अपने परिवार मैं रहना भी अच्छा होता है ।
गुरु से कम नहीं अनुभव जीवन के ,
शिक्षा लेकर चलना भी अच्छा होता है ।
शिकायतों से कुछ नहीं बदलने वाला ,
कभी खुद को बदलना भी अच्छा होता है ।
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