"गुप्तरत्न " : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है ,साथ है पुरा...

"गुप्तरत्न " : तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है ,
साथ है पुरा...
: तेरे हाथों से मेरा हाथ ये छूट रहा है , साथ है पुराना,पर ये अब छूट रहा है ll सांस लेना मुश्किल अब, हो रहा है,  इस रिश्ते मैं,ये मिर्च कौ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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