"गुप्तरत्न " : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ .तभी तो आदमी स...
"गुप्तरत्न " : मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ .
तभी तो आदमी स...: मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ . तभी तो आदमी सुनते ही बोखला जाता है सब्र की इंतिहा देख .बैठे है मयखाने मैं, नादां कोई यूं ,भी बिन प...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
तभी तो आदमी स...: मानते है सच बहुत कड़वा होता है यहाँ . तभी तो आदमी सुनते ही बोखला जाता है सब्र की इंतिहा देख .बैठे है मयखाने मैं, नादां कोई यूं ,भी बिन प...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें