"गुप्तरत्न " : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को यूँ भी बचा नही,अब ...

"गुप्तरत्न " : अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को यूँ भी बचा नही,अब ...: अल्फ़ाज़ खत्म हुए अब कुछ बताने को  यूँ भी बचा नही,अब कुछ समझाने  को ll सीने से भी लग गए , अब हम तो तेरे , फिर भी न समझे तुम इस अफ़सान...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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