"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं,क्यूंकिअब ते...

"गुप्तरत्न " : अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं,
क्यूंकिअब ते...
: अब जीत हार की मुझे कोई परवाह ही नहीं, क्यूंकिअब तेरे सिवा मेरी,कोई चाह ही नहीं ll बस तेरी ही गलियों मैं मुड जाते है यूँ कदम, जैसेअब चलने...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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