"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ,जैसे  दबी ह...

"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ,
जैसे  दबी ह...
: तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ, जैसे  दबी हुयी,  बीमारी  लौट आये ll भरा  ही  कहाँ , ज़ख़्म  दिल का अभी , बातें तेरी की , चोट पे फि...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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