"गुप्तरत्न " : गुप्त रत्न मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत ...

"गुप्तरत्न " : गुप्त रत्न 

मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत ...
: गुप्त रत्न  मेरी तो जुबां काली है , हर बात सदाकत थी , संभाला तुम्हे ,मेरी कमजोरी नहीं शराफत थी ll मुहब्बत  होती तो मरती न यूँ , जिंदा ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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