"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ले नहीं देते तुम पर हम इल्जाम ,मुहब्बत का गुनाह,भ...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ले नहीं देते तुम पर हम इल्जाम ,
मुहब्बत का गुनाह,भ...
: ले नहीं देते तुम पर हम इल्जाम , मुहब्बत का गुनाह,भी रहा मेरे ही नाम,// किस किस गुनाह की माफ़ी दूँ तुम्हे , बेबसी,बख्श दिया तुझे नही लिया ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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