गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ", : अनुशासन और इमानदारी मेरा स्वाभाव है,नही कृत्रिम ...

गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ",अनुशासन और इमानदारी मेरा स्वाभाव है,
नही कृत्रिम ...
: अनुशासन और इमानदारी मेरा स्वाभाव है, नही कृत्रिम ये भाव है ,// विचारमय हूँ कब से मैं,कैसे जीते है ? जिनमे ये नही सदभाव  है // जो करत...

गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ",

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