"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कौन  चाहता है किसी से सज़दा कराना ,नहीं चाहते हम ,...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : कौन  चाहता है किसी से सज़दा कराना ,
नहीं चाहते हम ,...
: कौन  चाहता है किसी से सज़दा कराना , नहीं चाहते हम ,खुदको खुदा बनाना ॥ काफिर बन जाएँ कोई यहाँ ,तौबा "रत्न" खुदको क्यूँ इस गुनाह...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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