"गुप्त रत्न "
यकीं है ,तुमको आना है एक दिन ,
आस लेकिन दिल को काफी नहीं होती /
सजा मेरे पास कुछ भी नहीं तेरे लिए ,
पर खुदा के दर पर माफ़ी नही होती
सज़दा तेरे दर पर कर काफ़िर मैं हो गई,
मुहब्बत से बड़ी कोई इबादत नहीं होती //
है,मुद्दतो की तड़प और आसुंओ का फैसला ,
होगा वक़्त से इतनी नाइंसाफी भी नही होती //
हो सके तो पढ़ मेरे भीगे लफ्जों को ,
आंसुओ से बड़ी कोई स्याही नहीं होती /
यकीं है ,तुमको आना है एक दिन ,
आस लेकिन दिल को काफी नहीं होती /
सजा मेरे पास कुछ भी नहीं तेरे लिए ,
पर खुदा के दर पर माफ़ी नही होती
सज़दा तेरे दर पर कर काफ़िर मैं हो गई,
मुहब्बत से बड़ी कोई इबादत नहीं होती //
है,मुद्दतो की तड़प और आसुंओ का फैसला ,
होगा वक़्त से इतनी नाइंसाफी भी नही होती //
हो सके तो पढ़ मेरे भीगे लफ्जों को ,
आंसुओ से बड़ी कोई स्याही नहीं होती /
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