"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : बेचैनिया ये हद से गुजरने लगी अब,बताती हूँ मैं क्य...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : बेचैनिया ये हद से गुजरने लगी अब,
बताती हूँ मैं क्य...
: बेचैनिया ये हद से गुजरने लगी अब, बताती हूँ मैं क्या चाहती हूँ .// तेरी बाहों मैं आना है मुझको अब, तेरे सीने से लगना चाहती हूँ, // कुछ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

टिप्पणियाँ