"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : बता भी दो क्यों रहते हो मुझसे नाराज़,याद दिलाती हू...
"गुप्त रत्न " भावनाओं के समन्दर मैं : बता भी दो क्यों रहते हो मुझसे नाराज़,
याद दिलाती हू...: बता भी दो क्यों रहते हो मुझसे नाराज़, याद दिलाती हूँ,तुमको बीती बातें कुछ आज,// मैं अर्जुन थी बने तुम श्रीकृष्ण ,जीवन महाभारत के मेरे, द...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
याद दिलाती हू...: बता भी दो क्यों रहते हो मुझसे नाराज़, याद दिलाती हूँ,तुमको बीती बातें कुछ आज,// मैं अर्जुन थी बने तुम श्रीकृष्ण ,जीवन महाभारत के मेरे, द...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
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