"गुप्त रत्न ": सता ले,चाहे जितने लें इम्तिहान,अब आप भी ले इक बात ...

"गुप्त रत्न ": सता ले,चाहे जितने लें इम्तिहान,अब आप भी ले इक बात ...: सता ले,चाहे जितने लें इम्तिहान, अब आप भी ले इक बात जान, हारना मुझको मंज़ूर नही, चाहे जो भी हो अब अंजाम // बनिया हूँ नहीं करती वो सौदे, जहाँ ...

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

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