"गुप्त रत्न ": ख़ामोशी के गहराई मैं .....गुप्त रत्न नही रहे काब...
"गुप्त रत्न ": ख़ामोशी के गहराई मैं .....गुप्त रत्न
नही रहे काब...: ख़ामोशी के गहराई मैं .....गुप्त रत्न नही रहे काबू में, रोक रही हूँ कब से मैं / ज़ज्बात हुयें है बागी से,टोक रही हूँ कब से मैं / खोलें न य...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
नही रहे काब...: ख़ामोशी के गहराई मैं .....गुप्त रत्न नही रहे काबू में, रोक रही हूँ कब से मैं / ज़ज्बात हुयें है बागी से,टोक रही हूँ कब से मैं / खोलें न य...
"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
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