गुप्तरत्न : बिखरी ज़ुल्फे,गोरे गाल, और वो उसकी आँखे,उफ्फ कयामत...
गुप्तरत्न : बिखरी ज़ुल्फे,गोरे गाल, और वो उसकी आँखे,
उफ्फ कयामत...: बिखरी ज़ुल्फे,गोरे गाल, और वो उसकी आँखे, उफ्फ कयामत सी, ख़्वाबो मैं सताती है वो ll लगकर सीने से भरती है, यूँ गर्म साँसे जब , सर्द मौसम ...
"गुप्त रत्न "
" भावनाओं के समंदर मैं "
for audio ⇊👇
https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024549207405&share_type=more
उफ्फ कयामत...: बिखरी ज़ुल्फे,गोरे गाल, और वो उसकी आँखे, उफ्फ कयामत सी, ख़्वाबो मैं सताती है वो ll लगकर सीने से भरती है, यूँ गर्म साँसे जब , सर्द मौसम ...
"गुप्त रत्न "
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