गुप्तरत्न : असर तो दोनों तरफ हुआ है ,आग गर यहाँ है ,तो वहां भ...

गुप्तरत्न : असर तो दोनों तरफ हुआ है ,
आग गर यहाँ है ,तो वहां भ...
: असर तो दोनों तरफ हुआ है , आग गर यहाँ है ,तो वहां भी धुआं है ,ll  समन्दर मैं भी प्यास जाग उठी , जिस दिन से बादल ने उसे छुआ है ,ll  चल ...

"गुप्त रत्न "
" भावनाओं के समंदर मैं "
असर तो दोनों तरफ हुआ है ,
आग गर यहाँ है ,तो वहां भी धुआं है ,ll 

समन्दर मैं भी प्यास जाग उठी ,
जिस दिन से बादल ने उसे छुआ है ,ll 

चल खेल कर देख ही लेते है ,
मुहब्बत भी तो आखिर एक जुआँ है ,ll 

चल मान भी लेते है वो बातें,
जो आँखों ने तुमसे कहा और सुना है,ll 

ख्वाहिश ये इक तरफा नहीं, रत्न
तेरी चाहत मेरे भी दिल की दुआं है ,ll 

अब नही अल्फाज़ पास मेरे,
मेरी आँखें और चेहरा ही मेरी जुबां है ll

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