#गुप्तरत्न : "गुप्तरत्न" महक रहे है, तेरी खुशबू से अब तलक ,


गुप्तरत्न : "गुप्तरत्न" महक रहे है, तेरी खुशबू से अब तलक ,
:   तू ही बता खुद को समझाएं कैसे l ये तड़प दिल की,तुम्हे बताएं कैसे ll खेल रहे है, इस क़दर मेरे दिल से l तेरी तरह हम भी,तुझे सताएं कैसे ll ...

"गुप्तरत्न "
"भावनाओं के समंदर मैं "

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