मुन्तजिर है तेरी एक इजाजत के

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "
आग भी ठंडी हो जाती है आकर इन हाथों में मारे घबराहट के ..............


गुप्तरत्न भावनायों के समन्दर main

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