"गुप्त रत्न "
" भावनाओं के समंदर मैं "
कुछ बात रह जाएँ ,जो अधूरी तो अच्छा है ,
कुछ आश जो रह जाएँ अधूरी तो अच्छा है ,
इस आश मैं कट जाएँ जो एक उम्र हमदम ,
तो फिर इस उम्र का सफ़र अच्छा है ////
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जो तूने खुद को मेरी निगाहों से देखा होता ,
खुदा कसम खुदको खुदा देखा होता ,
जो तू न बन सका मेरा गम नही ,
खुदको तो किसी और का बना देखा होता ////
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तेरी याद आने के बाद किसी की और की याद न आयें ,
दिल मैं तेरे आने के बाद कोई और न आयें ,
इस तरह बसे तू दिल मैं धडकनों की तरह,
की जो तू न आये,तो बस "रत्न" को मौत आ जाये ///
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कुछ ग़ज़ल दिल की बात होती है ,
जो दिल का राज़ होती है ,
बताती है दिल का हाल सच्चा ,
की "रत्न"के दिल का आइना होती है ///
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डरना क्या मुहब्बत-ऐ -अंजाम से ,
दिल टूटना एक रीत हो गई ,
दो आशुं झलका दे "रत्न" की याद मैं,
मैं समझूंगी मेरे प्यार की जीत हो गई ////
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हमसे है मुहब्बत बताते भी नही ,
नज़रो से कहते है छिपाते भी नहीं ,
हमें देखकर हमसे ही मुहं है फेरते ,
दे तो रहे है मौका "रत्न" को आजमाते क्यों नहीं ////
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वो बात जुबां से कहाँ,जो निगाहों से होती है ,
वो बात नफरत मैं कहाँ जो प्यार मैं होती है
आती है बात जुबां पर दिल से धीरे धीरे ,
वो बात बातों मैं कहाँ जो ख़ामोशी मैं होती है //
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दिल की दुनिया का दस्तूर कायम है ,
वो बातें वो रातें वैसे ही कायम है ,
देख ले एक बार आकर ज़ख्म दिल के ,
दिये थे जो तुमे वो आज भी कायम है ///
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कोई बात कभी आखरी बात न हो ,
ऐसो मिलो कभी आखरी मुलाकात न हो
जिंदगी बहुत बड़ी है न जाने मिल जाएँ किस मोड़ पर
कामना करो फिर बात हो ,साथ हो मुलाकात हो /////
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दो घडी को जीते शायद मर भी जाते,
हाथ जो न छोड़ा होता तूने रत्न का ,
हम सागर पार कर भी जाते ,
कहाँ मंज़ूर होती है खुदा को हर बात ,
वरना इसके बाद भी जीते,हम मर न जाते
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आज फिर कोई मेरी तन्हाइयों मैं आया है ,
फिर कोई इस दिल की गहराइयों मैं समाया है ,
डरती हूँ न मिल जाएँ फिर वहीँ गम ,
जो पहले इस दिल ने किसी से पाया है ////
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हम नही संभलते ,तो तुम संभल जाओ ,
संभल नहीं सकते तो साथ गिर जाओ ,
आ जायेगा दर्ज़ा यूँ बराबर पर ,
हम नही बदलते ,तो तुम बदल जाओ ///
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कुछ बात रह जाएँ ,जो अधूरी तो अच्छा है ,
कुछ आश जो रह जाएँ अधूरी तो अच्छा है ,
इस आश मैं कट जाएँ जो एक उम्र हमदम ,
तो फिर इस उम्र का सफ़र अच्छा है ////
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जो तूने खुद को मेरी निगाहों से देखा होता ,
खुदा कसम खुदको खुदा देखा होता ,
जो तू न बन सका मेरा गम नही ,
खुदको तो किसी और का बना देखा होता ////
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तेरी याद आने के बाद किसी की और की याद न आयें ,
दिल मैं तेरे आने के बाद कोई और न आयें ,
इस तरह बसे तू दिल मैं धडकनों की तरह,
की जो तू न आये,तो बस "रत्न" को मौत आ जाये ///
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कुछ ग़ज़ल दिल की बात होती है ,
जो दिल का राज़ होती है ,
बताती है दिल का हाल सच्चा ,
की "रत्न"के दिल का आइना होती है ///
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डरना क्या मुहब्बत-ऐ -अंजाम से ,
दिल टूटना एक रीत हो गई ,
दो आशुं झलका दे "रत्न" की याद मैं,
मैं समझूंगी मेरे प्यार की जीत हो गई ////
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हमसे है मुहब्बत बताते भी नही ,
नज़रो से कहते है छिपाते भी नहीं ,
हमें देखकर हमसे ही मुहं है फेरते ,
दे तो रहे है मौका "रत्न" को आजमाते क्यों नहीं ////
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वो बात जुबां से कहाँ,जो निगाहों से होती है ,
वो बात नफरत मैं कहाँ जो प्यार मैं होती है
आती है बात जुबां पर दिल से धीरे धीरे ,
वो बात बातों मैं कहाँ जो ख़ामोशी मैं होती है //
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दिल की दुनिया का दस्तूर कायम है ,
वो बातें वो रातें वैसे ही कायम है ,
देख ले एक बार आकर ज़ख्म दिल के ,
दिये थे जो तुमे वो आज भी कायम है ///
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कोई बात कभी आखरी बात न हो ,
ऐसो मिलो कभी आखरी मुलाकात न हो
जिंदगी बहुत बड़ी है न जाने मिल जाएँ किस मोड़ पर
कामना करो फिर बात हो ,साथ हो मुलाकात हो /////
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दो घडी को जीते शायद मर भी जाते,
हाथ जो न छोड़ा होता तूने रत्न का ,
हम सागर पार कर भी जाते ,
कहाँ मंज़ूर होती है खुदा को हर बात ,
वरना इसके बाद भी जीते,हम मर न जाते
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आज फिर कोई मेरी तन्हाइयों मैं आया है ,
फिर कोई इस दिल की गहराइयों मैं समाया है ,
डरती हूँ न मिल जाएँ फिर वहीँ गम ,
जो पहले इस दिल ने किसी से पाया है ////
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हम नही संभलते ,तो तुम संभल जाओ ,
संभल नहीं सकते तो साथ गिर जाओ ,
आ जायेगा दर्ज़ा यूँ बराबर पर ,
हम नही बदलते ,तो तुम बदल जाओ ///
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