# बिजली भी छोड दे, बादल के सीने में,निशां...
गुप्तरत्न : #गुप्तरत्न बिजली भी छोड दे, बादल के सीने में,निशां...: मेरे ज़हन से तेरा एहसास नही जाता, की मेरे होठों से तेरे होठों का स्वाद नही जाता ।। यूं अटकी है,मेरि नजरें तेरी नजरों पे कम्बख्त, कि... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "