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# : गुप्त रत्न "भावनायों के समन्दर मैं"खाक नही होना ,...

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गुप्तरत्न : गुप्त रत्न "भावनायों के समन्दर मैं" खाक नही होना ,...: गुप्त रत्न "भावनायों के समन्दर मैं" खाक नही होना , देर मत करो.......... https://www.facebook.com/guptratn/ देखने ... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : #गुप्तरत्न,:अच्छे-अच्छे सिकंदर यहाँ वक़्त की लिए म...

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गुप्तरत्न : #गुप्तरत्न,:अच्छे-अच्छे सिकंदर यहाँ वक़्त की लिए म...: तु म  बाताओ तो अपनी कीमत सही, कब से,बाज़ार में तेरे खरीददार बैठे है , क्या मांगोगे ज्यादा से ज्यादा तुम, हम तो हथेली पे  जां लिए यार... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#Guptratn:अच्छे-अच्छे सिकंदर यहाँ वक़्त की लिए मार बैठे है॥

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तुम  बाताओ तो अपनी कीमत सही, कब से,बाज़ार में तेरे खरीददार बैठे है , क्या मांगोगे ज्यादा से ज्यादा तुम, हम तो हथेली पे  जां लिए यार बैठे है।    छिप के लड़े भी तो क्या लड़े तुम   सामने तो आओ हम भी कब से लिए हथियार बैठे है,   लगता है जिनको की ये तमाशा है इक आदमी का,   भूलते है, कि ऊपर वाले के खेल में और भी किरदार बैठे है ॥ कहते है यार,कि गिर गए है, बहुत नीचे, करें भी क्या? गर्द  पे जो दिल हार बैठे है ॥ क्यों तकाज़ा करते हो हर घडी मुहब्बत का अपनी, इस दिल-ए-बस्ती में ,मेरे और भी कर्ज़दार बैठे है ॥ डूबना तो  तय है दिल कि कश्ती का मेरे,  #गुप्तरत्न, मझधार में हम भी तो कब से बिन लिए पतवार बैठे है ॥   कैसे होगी इक राय कायम,  किसी मस्ले पे  कभी,  वो भी तो मिली -जुली सरकार लिए बैठे है ॥  बहुत नचाते थे , सल्तनत थी उनके हाथों में कभी, चुप है,कठपुतली बने, दूजे हाथ अब उनके लिए तार बैठे है ।  बदलता है मौसम बदलती है रुख हवाएं भी...

गुप्तरत्न : क्यूं न गुरूर तेरा जल सका ,॥मेरी चाहतों में क्य...

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गुप्तरत्न : क्यूं न गुरूर तेरा जल सका ,॥ मेरी चाहतों में क्य...: क्यूं न गुरूर तेरा जल सका , ॥ मेरी चाहतों में क्यूँ न वो आग थी , क्यूं न गुरूर इसमें तेरा जल सका ,॥ दुपहर भी रही,मेरे ग़मो... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "