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"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ज़रूरी है खुद पर गुरूर होनाइतना भी क्या किसी नशे...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ज़रूरी है खुद पर गुरूर होना इतना भी क्या किसी नशे... : ज़रूरी है खुद पर गुरूर होना इतना भी क्या किसी नशे मैं चूर होना , की हकिकत से पड़े दूर होना // निगाहों औरआवाज़ मैं खो गई, माना की हुनर म... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "
"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " ज़रूरी है खुद पर गुरूर होना इतना भी क्या किसी नशे मैं चूर होना , की हकिकत से पड़े दूर होना // पर तड़प ही न दिखे किसी की ,ज़रा भी  इस  कदर भी क्या मगरूर होना// की हकीकत से पड़े दूर होना......................................... थामा है कैसे धडकनों को,आपके सामने बैठकर, दिल पूछ बैठा,कियूँ भी क्या "रत्न"मजबूर होना / / की हकीक़त से पड़े दूर होना.................. इतनी आदत अच्छी नहीं परिस्तश की,"रत्न", सबक आपका ही है ,ज़रूरी है खुद पर थोडा गुरूर होना // कम सबब नही ,दीवानों की बेखुदी का हम भी , शुरू हो चुका आप पर भी मेरा अब सुरूर होना // शख्सियत ही खोने लगी आपमे खोकर,, गुमां हुआ अच्छा नही किसी मैं अपना वजूद खोना // रखना पड़ता है ,अपने भी रुतबे का ख्याल, नामंज़ूर है, सुकून-ए-दिल मैं बेआबरू होना// लाज़मी  है , इस हकीक़त से रूबरू होना , अच्छा नहीं किसी के नशे मैं इस  क़दर चूर होना................................... -------------------------------- परिस्तिश -पूजा करना ,किसी को बहुत मानना  सुरूर -नशा  मगरूर ...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ज़रूरी है खुद पर गुरूर होनाइतना भी क्या किसी नशे...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : ज़रूरी है खुद पर गुरूर होना इतना भी क्या किसी नशे... : ज़रूरी है खुद पर गुरूर होना इतना भी क्या किसी नशे मैं चूर होना , की हकिकत से पड़े दूर होना // निगाहों औरआवाज़ मैं खो गई, माना की आप हुन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई  मैं,बारिशों मैं हम...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई  मैं, बारिशों मैं हम... : "गुप्त रत्न " ख़ामोशी की गहराई  मैं, बारिशों मैं हम भी  बहुत तरस लिए,अब , मिले खुलकर दूर कही बारिशों मैं हम भी // क्या ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "मंज़ूर कर भ...

"गुप्त रत्न " भावनायों के समन्दर मैं : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " मंज़ूर कर भ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " मंज़ूर कर भी लूँ तेरे पास आना,पर तुमको भी होगा ये बाताना/ पल दो पल की नजदीकिया... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "