संदेश

गुप्तरत्न ज़नाब याद रखो, उन किस्सों मैं आप ही जगह ख़ास रखते है ll,

गुप्त रत्न " भावनाओं के समंदर मैं " दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है , दिलो को जला दे ,लफ्ज़ो मैं हम  वो आग रखते है ll  अँधेरी रातों को भी जो रोशनी   से जगमगा दे , कागज़ मैं  अपने ख्यालों के  वो  रोशन चिराग रखते है ll  जुगनू मैं भी चमक दिखती है जिनको  नज़रो मैं अपनी वो  तिशनगी -ए-तलाश रखते है ll  मातम भी मनाते है,यूँ की खबर न हो किसी को,  क्या जानो तुम,दिल मैं अपने अरमानो की लाश रखते है ll  सुन लो!  कहने वालों  हमको "आशिक़ मिज़ाज़ "  ज़ख्म देने वाले से  ही ,हम मलहम की भी आश रखते है ll हीरे है, हम छूटते  है हाथों से, पर टूटते नहीं कभी , हंसते रहते है , दिल मैं पर ज़ख्मो की खराश रखते है ll  जो बदनाम कर खुश हो रहे है,किस्से सुनाकर "रत्न" के ज़नाब याद रखो , उन किस्सों मैं आप  ही जगह ख़ास रखते है ll गिले भूलकर सारे , फिर  भी दुआएं करते है आपके हक़ मैं , कबूल हो दुआएँ ,आपके हक़ मैं  हम अरमान -ए -काश रखते ...

"गुप्तरत्न " : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है ,दिलो मैं आग...

"गुप्तरत्न " : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है ,दिलो मैं आग... : दिल मैं अपने मुहब्बत और एहसास रखते है , दिलो मैं आग लगा दे लफ्ज़ो मैं हम वो आग रखते है ll  अँधेरी रातों को भी जो रोशनी   से जगमग... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?...

"गुप्तरत्न " : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?... : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से , पर करें भी क्या? दिल धड़कने लगा है तेरे नाम से ll तू ही जाने ,मेरे मायने तेरी जिंदगी मैं, खास बन... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : poems available in audio .............�� click on ...

"गुप्तरत्न " : poems available in audio .............�� click on ... : poems available in audio ............. ��  click on below links  �� https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=534802454790... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ,जैसे  दबी ह...

"गुप्तरत्न " : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ, जैसे  दबी ह... : तुम  फिर  आयें, मेरी  जिंदगी  मैं यूँ, जैसे  दबी हुयी,  बीमारी  लौट आये ll भरा  ही  कहाँ , ज़ख़्म  दिल का अभी , बातें तेरी की , चोट पे फि... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "