नया गीत खुदा की मेहरबानी
" गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " खुदा की मेहरबानी , खुदा की मेहरबानी , यूँ मिला मुझको तू ,जैसे प्यासे को पानी , खुदा की मेहरबानी......2 आँखे तेरी, मानो यूँ हो शराब , छूना तेरा,मानो यूँ हो आग गुनगुनाती है धड़कन, यूँ की जैसे तू हो राग , बहता है मुझमे यूँ तू की हो पानी सी रवानी .... खुदा की मेहरबानी ....2 यूँ मिला मुझको तू ,जैसे प्यासे को पानी , नए से है , ये एहसास , इनसे थी मैं अनजानी खुदा की मेहरबानी , मिला यूँ ,जैसे की प्यासे को पानी खुदा की मेहरबानी ....2 अब जो पाया है तुमको , न छोड़ेगे कभी , कहते है मिलकर ये , न तोड़ेगे कभी , ये कसम मिलकर हमको है खानी खुदा की मेहरबानी ....2 खुदा की मेहरबानी , मिला यूँ ,जैसे की प्यासे को पानी