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#guptratn shayri

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " Mह

#स्वतन्त्रता दिवस:ये अपना हिंदुस्तान है #hindustaan #happy independence day

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"गुप्त रत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य .. हिन्दू,मुस्लिम,सिख इसाई सब इसकी शान है, और नहीं कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। हाथों मैं रखता कोई गीता,पढता कोई कुरआन है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है " दुआ भी होती,नात भी सुनते और कहते कव्वाली भी, और यही पर  सुनते हम भजनों की मधुरम  तान है।। "शूरवीर महाराणा" यही पर हुए "अकबर महान" है, और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है। सियासत भी बोलती है, ज़हर नफरत का घोलती है / आयें मिटाने इस प्रेम को कई सियासी शैतान है।। फुट डालकर राज किया कई ,गोरे और देशी हैवान है , अब नही करने देंगे ये,यहाँ अपना घर ये  हिन्दुस्तान है।। हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब इसकी शान है , और नही कही हम यारो "ये अपना हिन्दुस्तान है।। जय हिन्द।

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

Guptratn: इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे, दुनिया के आगे खुदको अंजान...

Guptratn: इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे, दुनिया के आगे खुदको अंजान... : ऊब  गए,धूप छावं के इस खेल से अब,कि अब खुदको  बहलाने का ,हमने कुछ और इंतजाम कर लिया / चल रहे थे चर्चे ,तेरे दर्द के तेरी गली में , सुनके हमने...

इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे, दुनिया के आगे खुदको अंजान कर लिया /

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ऊब  गए,धूप छावं के इस खेल से अब,कि अब खुदको  बहलाने का ,हमने कुछ और इंतजाम कर लिया / चल रहे थे चर्चे ,तेरे दर्द के तेरी गली में , सुनके हमने भी ,दिल को थोडा  सा परेशान  कर लिया / दवा हो नही सकते थे ,पर दुआ का काम कर दिया , खुदा के आगे सर झुका के वो सज़दा तेरे नाम कर दिया / जो तेरी मर्ज़ी है बेरुखी , तो अब  इस पे भी तेरा "मान "कर लिया , हमने भी चुपके चुपके ,दिल में रुख बदलने का एलान कर दिया / हमने भी करना  "इकरार ",बंद अब खुल-ए-आम कर दिया , इश्क़ है ?"न" कहके तुमसे ,दुनिया के आगे खुदको अंजान कर लिया / हर चीज़ की ऊम्र तय है ,इस किस्से का भी तय अंजाम कर लिया , चढ़ चुका था जो ,उस इश्क़ ने अब उतरना शुरू ढ़लान कर दिया /