संदेश

फ़रवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुप्तरत्न : असर तो दोनों तरफ हुआ है ,आग गर यहाँ है ,तो वहां भ...

गुप्तरत्न : असर तो दोनों तरफ हुआ है , आग गर यहाँ है ,तो वहां भ... : असर तो दोनों तरफ हुआ है , आग गर यहाँ है ,तो वहां भी धुआं है ,ll  समन्दर मैं भी प्यास जाग उठी , जिस दिन से बादल ने उसे छुआ है ,ll  चल ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " असर तो दोनों तरफ हुआ है , आग गर यहाँ है ,तो वहां भी धुआं है ,ll  समन्दर मैं भी प्यास जाग उठी , जिस दिन से बादल ने उसे छुआ है ,ll  चल खेल कर देख ही लेते है , मुहब्बत भी तो आखिर एक जुआँ है ,ll  चल मान भी लेते है वो बातें, जो आँखों ने तुमसे कहा और सुना है,ll  ख्वाहिश ये इक तरफा नहीं, रत्न तेरी चाहत मेरे भी दिल की दुआं है ,ll  अब नही अल्फाज़ पास मेरे, मेरी आँखें और चेहरा ही मेरी जुबां है ll

गुप्तरत्न : मौसम बदला,आई भी बहार है ,मन सूना है ,बाहर झंकार ह...

गुप्तरत्न : मौसम बदला,आई भी बहार है , मन सूना है ,बाहर झंकार ह... : मौसम बदला,आई भी बहार है , मन सूना है ,बाहर झंकार है ll ये कैसा दांव लगा बैठे,  हम जीता  न तू ,न मेरी ही हार है ll अभी तलक  हम अलग नही... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है ,कुछ त...

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है ,कुछ त... : गुप्तरत्न : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है , कुछ तुम्हारा ,कु... : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है , कुछ तुम्हारा ,कुछ हमारा दिल भी बदलने... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "