अगर ये बारिश तुम्हारे दिल को न भिगाए , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , अगर ये हवाएं मेरी याद न दिलाएं , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , किसी झील ,नदी के पानी में मेरा अक्स नज़र न आये , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , अगर रंगों में मेरा रंग नज़र न आये तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , किसी की हंसी में गर में न खिलखिलाऊं तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , तेरी बातों में गर में न आऊँ , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , महफ़िल में न लगे गर तन्हाई , मेरा इंतजार न हो,हर आहट पे न लगे की कहीं मैं तो नहीं आई तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं , बहुत चाहने वाले है तेरे ,जब मिलो उनसे और में न होके भी बीच न आऊँ , तेरे दिल -दिमाग को में मेरी ही तरह न उलझाऊँ , तो सोच लेना की मुझसे प्यार नहीं तेरी हर गीत ,तेरी ही आवाज़ में न गाऊँ , तो सोच लेना की ,हाँ .......मुझसे प्यार नहीं