"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " मैंने भी लोगो की बेईमानी देखी है , खुदको बचाने इनकी दिमागी शैतानी देखी है । बैठे है, भविष्य बनाने नन्हे फूलो का, इन मालियों की,हमने गन्दी बागवानी देखी है । सूरज हूँ,छुपेगी चमक बस दो घडी मेरी , इसके लिए ग्रहण की इतनी खींचातानी देखी है । सच जो छुपता तो,झूठ की पूजा होती, खुदको भगवान बनाने,हमने लोगो की मनमानी देखी है । साबित करना क्या सच को इतना भी यूँ, झूठ छिपाने,हमने लोगो की चाल सयानी देखी है ॥ शुरू ही हुई न ख़तम अभी तक "गुप्तरत्न" बिजली बादल की हमने भी अज़ब कहानी देखी है ॥
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देखे कब तलक रखते हो खुद पर इख़्तियार गुप्तरत्न
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#गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सक...
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गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सक... : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सकें, छुप जाएँ तेरी बाहों मैं कुछ यूँ,की किसी को नज़र आ न संकेll ए खुदा क्यूँ ? मैं ही तड़... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न :यूँ लगूं गले की छोड़ दूँ अपने सीने की आग तेरे सीने में, https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024555918034&share_type=fb&app=sm इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सकें, छुप जाएँ तेरी बाहों मैं कुछ यूँ,की किसी को नज़र आ न संकेll ए खुदा क्यूँ ? मैं ही तड़पू तनहा इस तड़प मैं , उनको भी दे मेरी तड़प कुछ यूँ, की फिर मुझे सता न सकें ll क्यूँ रहे बदनामी का डर ,ये इकतरफा हर घडी, मुहब्बत मैं हो शरारत यूँ,की वो भी एहसास जुबां से बता न सकें ll यूँ लगूं गले की छोड़ दूँ अपने सीने की आग तेरे सीने में, की जले तू भी मेरी ही तरह, फिर किसी को यूं जला न सकें ll बहुत गुरूर है उसे अपने आप में ,"रत्न" ला उसे मेरे करीब यूँ,की ए खुदा की दूर फिर मुझसे जा ...
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#guptratn ..........देखा है आईने को मैंने मेरे दोस...
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