"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : सबसे मिलते - मिलते सीखा मैंने भी ,कभी खुदसे मिलना...

"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : सबसे मिलते - मिलते सीखा मैंने भी ,
कभी खुदसे मिलना...
: सबसे मिलते - मिलते सीखा मैंने भी , कभी खुदसे मिलना भी अच्छा होता है । दुनिया की भीड़-भाड़ और शोर से भी . शांत मन और एकांत भी अच्छा होता है...

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