हर शख्स हैरान परेशान है यहाँ पर ,
किसको सुनाएँ हाल-ए-दिल यहाँ पर ,

जो बोले, तो शिकायत ही हर लव पर ,
ए खुदा खामोश रहना बेहतर यहाँ पर,

किसकी ख़ताओं का एहसास कराएं यहाँ
खुद हम पर ही  इलज़ाम लगे है यहाँ पर ,

हर कोई बताता है पाक दामन खुद को यहाँ
हम लगे समझने,खुदको गुनाहगार यहाँ पर

खुद समझे नहीं क़द्र,जज़्बातों की ये लोग,
हमको कहते है,फिर  पत्थर दिल  यहाँ पर

काश कोई नादान इस ख़ामोशी को समझता,
नसीब अपना,एक नासमझ बस हम यहाँ पर

ये लोग, गर अपने है तो अजब है अपनापन
हमको आने लगे नज़र,ग़ैरों मैं,अपने यहाँ पर

जीना तो समझो मज़बूरी है इस जहाँ मैं ,
की मरना भी मुश्किल है लोगो यहाँ पर

गिले शिकवे करोगी किस किस से ए "रत्न"
हर मोड़ पर मिल जायेंगे ऐसे लोग यहाँ पर

गुप्त रत्न
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टिप्पणियाँ

Nahi mitegi mrigtrishna kasturi man ke andar hai

"गुप्तरत्न " : for audio click on below linkhttps://m.starmakers...

#GUPTRATNगुप्तरत्न : दोस्त तुम बने नहीं, न रही कभी रंजिशे आपसी ,