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"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : अचानक पन्ने  पलटे  ,की कुछ ख्याल आ गयाकितने आगे आ...

ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : अचानक पन्ने  पलटे  ,की कुछ ख्याल आ गया कितने आगे आ... : अचानक पन्ने  पलटे  ,की कुछ ख्याल आ गया कितने आगे आ चुके है,हम ये सवाल आ गया , एक एक पन्ना याद दिलाता रहा बीते वक़्त की कितना वक़्त गुज़र गय... gupt ratn hindi kavityan
ये मान हम दिशा के दो छोर है , एक पूरब तो एक पश्चिम की ओर है , अलग अलग है दोनों का मतलब , एक संध्या तो एक भोर है , माना पूरब है उगता सूरज ,पर राह पश्चिम देती, उसको इस ओर है माना दोनों है बिलकुल अलग अलग , पर दोनों को बांधे,कोई तो डोर है , माना मिलना मुश्किल है ,दोनों का तू कही का राही, मेरी मंज़िल कुछ और है मत सुन /कौन तुझे क्या कहता है , ये तो दुनिया वालों का शोर है , तुम चाहो हो छोर मिलाना , बात काबिल- ए-गौर है , पर समझो तुम बात हमारी , मैं पूरब ,तू  पश्चिम  का छोर है .............. गुप्त रत्न "ग़ज़ल"
देखंगे अब , फिर हम कब मिलेंगे , पुकारा जहाँ हमें ,वहा खड़े मिलेंगे , वफ़ा भी तेरे हाथ मैं , दगा भी तेरे हाथ मैं , तू ही जाने , मुक्कदर मैं हमें क्या मिलेंगे छोड़ते है फैसला अब ये तेरे हाथ मैं, की तुझे हम मिलेंगे या न मिलेंगे , पुकोरेंगे हमें जहाँ वहाँ,हम मिलेंगे , तुझसे ही है मेरी ज़िन्दगी मैं रौशनी , जानते है की ,हमें अँधेरे ही मिलेंगे , मरना मुमकिन नहीं किसी के वास्ते , गर जिए तेरे वगैर तो दर्द ही मिलेंगे , हम तो बावफ़ा है ,वफ़ा ही करेंगे , देखें वफ़ा के सिले हमें क्या मिलेंगे , पुकारोगे हमें जहाँ वहां हम मिलेंगे , देखेंगे फिर हम मिलेंगे या  न मिलेगें

ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अबकी किनारे अच्छे नहीं लगत...

ग़ज़ल "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अब की किनारे अच्छे नहीं लगत... : मझधार मेरी ज़िन्दगी है ,अब की किनारे अच्छे नहीं लगते , मैं जीतूंगी या नहीं ,नहीं मालूम , पर तुम हारे अच्छे नहीं लगते , बस आवाज़ सुने मेरी... gupt ratn hindi kavityan

"गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ :                      हौसला खुद तुझे पुकारेगी मंज़...

 "गुप्त रत्न "हिंदी कवितायेँ :                      हौसला खुद तुझे पुकारेगी मंज़... :                       हौसला  खुद तुझे पुकारेगी मंज़िल , गर हौसला बुलंद है, खुलेंगे दरवाज़े किस्मत के , जो अब तलक बंद है , तेज़ कर आग तू य...