"गुप्तरत्न " : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे,अब भी वो तेरी आँखों...
"गुप्तरत्न " : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे, अब भी वो तेरी आँखों... : गुजरे लम्हें याद आते तो होंगे, अब भी वो तेरी आँखों मैं आसूं आते तो होंगे,ll सुनते तुम अब भी होंगे सब , अब भी वो गजले तेरे होठ गुनगुनाते ... "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "