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गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़ आपके लिए नहीं

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़ "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़

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# गुप्तरत्न : गुप्तरत्न :चुनिदा अलफ़ाज़ "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस...

गुप्तरत्न : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस... : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं , आखिरी पन्ने तक उसका नाम आता रहा ll      इश्क मैं जुबां का काम कम होता है , ... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

# अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस...

गुप्तरत्न : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं ,आखिरी पन्ने तक उस... : अज़ब किरदार था उसका भी किताब मैं , आखिरी पन्ने तक उसका नाम आता रहा ll      इश्क मैं जुबां का काम कम होता है , ... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : गुप्तरत्न

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न : "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : हर बच्चे की कहानी गुप्त रत्न की ज़ुबानी

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : #गुप्तरत्न :भावनायों के समन्दर में

गुप्तरत्न : #गुप्तरत्न :भावनायों के समन्दर में : "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न :भावनायों के समन्दर में चुनिदा लफ्ज़

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : "गुप्तरत्न ""भावनाओं के समंदर मैं "कैसे आस लगाएं...

गुप्तरत्न : "गुप्तरत्न ""भावनाओं के समंदर मैं " कैसे आस लगाएं... : "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " कैसे आस लगाएं उत्तरदायित्व की, हम बच्चे से , दो काम उन्हें जो कर पाएं ,वो अच्... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

कैसे आस लगाएं उत्तरदायित्व की, हम बच्चे से ,

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " कैसे आस लगाएं उत्तरदायित्व की, हम बच्चे से , दो काम उन्हें जो कर पाएं ,वो अच्छे से , दो कुछ पेड़ लगाने उनको तुम बाग़ में , जिनको वो बढ़ता देखें,ऋतू आये जब फाग में , कुछ है संगीत विशारद , तो कुछ है अच्छे खेल में, दो सजाने राग उन्हें तुम,दो अवसर, मत बांधो नियमो की जेल में, कुछ है बड़े तो कुछ छोटे,कुछ नटखट तो कुछ संजीदा, दे उनके काम उन्हें तुम कुछ उनके पसंदीदा, कुछ सबक देती है, हम सबको जीवन की पाठशाला, जिसको हम सबने जीवन में है ढाला, वही सबक दो बच्चो को व्यवहार में , जिनको करें वो पूरा, और लाएं भी विचार में, कभी बना दो उनको अध्यापक, कभी सिखाएं वो बच्चो को, बनने दो तुम नेता उनको ,कम मत समझो मन के सच्चों को, बीज वो दो तुम संस्कारों का कोमल से इस मन में, बनेगा पेड़ कल घना ,जो पौधा था बचपन में ll

# बिजली भी छोड दे, बादल के सीने में,निशां...

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गुप्तरत्न : #गुप्तरत्न बिजली भी छोड दे, बादल के सीने में,निशां...: मेरे ज़हन से तेरा एहसास नही जाता, की मेरे होठों से तेरे होठों का स्वाद नही जाता ।। यूं अटकी है,मेरि नजरें तेरी नजरों पे कम्बख्त, कि... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?...

गुप्तरत्न : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से ,पर करें भी क्या?... : वाकिफ हम है इस कहानी के अंजाम से , पर करें भी क्या? दिल धड़कने लगा है तेरे नाम से ll तू ही जाने ,मेरे मायने तेरी जिंदगी मैं, खास बन... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है .........तुफानो से घिरा समन्दर है

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "
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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

डर लगता है

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

शिक्षा में सादगी और विश्वास -गुप्तरत्न

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " शिक्षा में सादगी और विश्वास जब तक न होगा  व्यहवहार आपका सादा , जब तक न पहुंचोगे ह्रदय द्वार तक ,न खुलेगा विद्यार्थी के मन का दरवाज़ा ॥ होगी न शिक्षा पूरी ,न होगा दायित्व हमारा पूरा , रह जाएगी शंकाएं ,रहेगा विश्वास हम पे आधा ॥ बहने दो पानी को खुलकर, न बांधो इसका, बाल -ह्रदय की उन्मुक्त भावनाएं बहने दो न बनो इनमे बाधा॥ तुम बनो गुरु ऐसे जिसका,ह्रदय सरल हो और बाल मित्र हो , थोड़ा डाँटो कभी उनको ,कभी खेलो उनके संग भी ज्यादा ॥ कह दो सारी बातें खेल खेल में ,दे दो मन्त्र सारे पाठों के , कभी बनो तुम कृष्णा -सुदामा ,कभी सुनाओ पुराने आदर्शो की गाथा ॥

आपके लिए गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी...

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी... : गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सक... : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सकें, छुप जाएँ तेरी बा... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : इसके लिए ग्रहण की इतनी खींचातानी देखी है ।हिंदी कवितायेँ,

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गुप्तरत्न : इसके लिए ग्रहण की इतनी खींचातानी देखी है ।: इसके लिए ग्रहण की इतनी खींचातानी देखी है । मैंने भी लोगो की बेईमानी देखी है , खुदको बचाने इनकी दिमागी शैतानी देखी है । बैठे है, भविष्य बनाने नन्हे फूलो का, इन मालियों की,हमने गन्दी बागवानी देखी है । सूरज हूँ,छुपेगी चमक बस दो घडी मेरी , इसके लिए ग्रहण की इतनी खींचातानी देखी है । सच जो छुपता तो,झूठ की पूजा होती,  खुदको भगवान बनाने,हमने लोगो की मनमानी देखी है । साबित करना क्या सच को इतना भी यूँ, झूठ छिपाने,हमने लोगो की चाल सयानी देखी है ॥ शुरू ही हुई न ख़तम अभी तक "गुप्तरत्न" बिजली बादल की हमने  भी अज़ब कहानी देखी है ॥ "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न हिंदी कवितायेँ, 

गुप्तरत्न : मुझे दोस्ती से डर लगता है,मुझे मुहब्बत से डर लगता ...

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गुप्तरत्न : मुझे दोस्ती से डर लगता है,मुझे मुहब्बत से डर लगता ... :  मु झे दोस्ती से डर लगता है, मुझे मुहब्बत से डर लगता है , डरती हूँ जुड़ने से लोगो से , क्यूंकि मुझे अलग होने से डर लगता है ॥             दीखते नहीं है चेहरे लोगो के ठीक से ,               इसलिए मुझे अंधेरो से डर लगता है                आँखे चौंधिया जाती है, इसलिए               मुझे तेज उजालों से डर लगता है ॥ मुददते हुई ठिकाना छोड़े हुए , की मुझको अब बसने से डर लगता है , आवारगी का आलम भी रहा गज़ब, की राहों पर ही घर लगता है, की मुझे अब घर से डर लगता है,॥                                            मुझे जुड़ने से डर लगता है ................... झुका देती है हर किसी के आगे, की मु...

पर सागर की फ़ितरत कही टिकता नही था।।

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गर बिकता तो खरीद लेते हम , पर हमने भी वो पसंद किया जो बिकता नही था।। हाल -ए-दिल बयां भी मुश्किल ही रहा , दर्द तो था पर घाव दिखता नही था। बरकतो की भी बारिश सी रही,  बढता रहा दर्द घटता नही था ।। चाहता तो डूब जाता या डुबा देता "रत्न" पर सागर की फ़ितरत कही टिकता नही था।।

अपनी कद्र खुदको बता रहे है हम

"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " अपनी कद्र खुद्को बता रहें है,हम की थोडा वक़्त अब खुद्के साथ बिता रहे है हम l तुझे न सोचूं ये मेरे वश में तो नही ,  फिर भी खुद्को समझा रहे हम।। डूबने की चाह्त तो थी  हमको "रत्न" लेकिन फिर भी खुद्को तैरना सिखा रहे है हम।। इल्जाम क्यूँ दूं, तुमको किसी बात का, कि खुदको तो खुद ही सता रहे है हम 
"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " मैंने भी लोगो की बेईमानी देखी है , खुदको बचाने इनकी दिमागी शैतानी देखी है । बैठे है, भविष्य बनाने नन्हे फूलो का, इन मालियों की,हमने गन्दी बागवानी देखी है । सूरज हूँ,छुपेगी चमक बस दो घडी मेरी , इसके लिए ग्रहण की इतनी खींचातानी देखी है । सच जो छुपता तो,झूठ की पूजा होती,  खुदको भगवान बनाने,हमने लोगो की मनमानी देखी है । साबित करना क्या सच को इतना भी यूँ, झूठ छिपाने,हमने लोगो की चाल सयानी देखी है ॥ शुरू ही हुई न ख़तम अभी तक "गुप्तरत्न" बिजली बादल की हमने  भी अज़ब कहानी देखी है ॥

देखे कब तलक रखते हो खुद पर इख़्तियार गुप्तरत्न

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सक...

गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सक... : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सकें, छुप जाएँ तेरी बाहों मैं कुछ यूँ,की किसी को नज़र आ न संकेll ए खुदा क्यूँ ? मैं ही तड़... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न :यूँ लगूं गले की छोड़ दूँ अपने सीने की आग तेरे सीने में, https://m.starmakerstudios.com/share?recording_id=5348024555918034&share_type=fb&app=sm इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सकें, छुप जाएँ तेरी बाहों मैं कुछ यूँ,की किसी को नज़र आ न संकेll ए खुदा क्यूँ ? मैं ही तड़पू  तनहा इस तड़प मैं , उनको भी दे मेरी तड़प कुछ यूँ, की फिर मुझे सता न सकें ll क्यूँ रहे बदनामी का डर ,ये इकतरफा हर घडी, मुहब्बत मैं हो शरारत यूँ,की वो भी एहसास जुबां से बता न सकें ll यूँ लगूं गले की छोड़ दूँ अपने सीने की आग तेरे सीने में, की जले तू भी मेरी ही तरह, फिर किसी को यूं जला न सकें ll बहुत गुरूर है उसे अपने आप में ,"रत्न" ला उसे मेरे करीब यूँ,की ए खुदा की दूर फिर मुझसे जा ...

#गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सक...

गुप्तरत्न : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सक... : इक बार खोना है यूँ, तुममे की खुद को भी खुद पा न सकें, छुप जाएँ तेरी बाहों मैं कुछ यूँ,की किसी को नज़र आ न संकेll ए खुदा क्यूँ ? मैं ही तड़... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#guptratn ..........देखा है आईने को मैंने मेरे दोस...

गुप्तरत्न : #guptratn ..........देखा है आईने को मैंने मेरे दोस... : #guptratn ..........देखा है आईने को मैंने मेरे दोस्त मैं ......... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : होश रहता है कहाँ मुझे तेरी आगोश में ।।

गुप्तरत्न : होश रहता है कहाँ मुझे तेरी आगोश में ।। : माफ़ी शब्द नहीं मेरे शब्दकोष मैं, चाहो तो जोड़ लो ,इसे मेरे इक और दोष में , तेरे सीने से लगकर भूल गई,हकीक़त-ए-जिंदगी, गलती कर गई मै... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : कहानी का अहम किरदार है ..........

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गुप्तरत्न : कहानी का अहम किरदार है ..........: गुप्तरत्न की  कहानी का अहम किरदार है  "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

मुन्तजिर है तेरी एक इजाजत के

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " आग भी ठंडी हो जाती है आकर इन हाथों में मारे घबराहट के ..............

#गुप्तरत्न : गुप्तरत्न  आपके लिए भावनायों के समन्दर मैं आपके .....

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न  आपके लिए भावनायों के समन्दर मैं आपके ..... : गुप्तरत्न  आपके लिए भावनायों के समन्दर मैं आपके ... .मुन्तिज़र है तेरी एक इजाजत के  बात करने के तरीके तो हजारो है  पर मुंतिजर है तेरी ... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न धडकनों की आहटों मैं

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गुप्तरत्न : गुप्तरत्न धडकनों की आहटों मैं: "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " शामिल है नाम आपका , ज़िक़्रों,मेरे ख्यालों और इबादतों में , रोशन हो नाम... "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न धडकनों की आहटों मैं

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" गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न ...सुन लो मेरी धडकनों को .... शामिल है नाम आपका , ज़िक़्रों,मेरे ख्यालों और इबादतों में , रोशन हो नाम आफ़ताब सा आपका , ये भी इक  चाहत है, मेरी चाहतों में, न ज़िद रहे,न ज़नून अब  कैसे बदले शामिल हो मेरी आदतों में, सुकूँ आता है तेरी बाहों में, तेरी गर्मियां शामिल है, मेरी राहतों में , ज़ुबां से बयां न कर पाएंगे हाल, सुन लो "रत्न "को अपनी धड़कनो से,  मेरी धड़कनों की आहटों में ll 

#गुप्तरत्न : हलके लफ़्ज़ों से परहेज़ है रत्न.........शख्सियत को भा...

गुप्तरत्न : हलके लफ़्ज़ों से परहेज़ है रत्न.........शख्सियत को भा... : हलके लफ़्ज़ों से परहेज़ है रत्न.........शख्सियत को भारी रख ..........गुप्त रत्न  "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : गुप्तरत्न -रत्न को सताने मैं 

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न -रत्न को सताने मैं  : गुप्तरत्न -रत्न को सताने मैं  "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : अपना आज दे दो

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गुप्तरत्न : अपना आज दे दो: "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " "गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

अपना आज दे दो

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"गुप्तरत्न " "भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "हलके लफ़्ज़ों ...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " हलके लफ़्ज़ों ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " हलके लफ़्ज़ों से परहेज़ है रत्न.........शख्सियत को भारी रख ..........गुप्त रत्न... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न "भावनायों के समन्दर मैं "

गुप्तरत्न : मेरे अल्फ़ाज़ और तेरा वो तराना ll गुप्तरत्न : नहीं भूल पाते वो तुझसे लिपटना, वो तेरी बाहों मैं सिमटना ll जाते नहीं ज़हन से मेरे वो एहसास , वो रात और तेरा आना यूं पास ll वो तेरे सीन... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "
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"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " गुप्तरत्न को सताने मैं 

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "हलके लफ़्ज़ों ...

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गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " हलके लफ़्ज़ों ...: "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " हलके लफ़्ज़ों से परहेज़ है रत्न.........शख्सियत को भारी रख ..........गुप्त रत्न... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " आईने से गुफ्तगू जारी रख

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"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " हलके लफ़्ज़ों से परहेज़ है रत्न.........शख्सियत को भारी रख ..........गुप्त रत्न 

गुप्तरत्न : की मेरी दिल-ए-ज़मीं को गलत इन्साफ करते नहीं आता ll

गुप्तरत्न : की मेरी दिल-ए-ज़मीं को गलत इन्साफ करते नहीं आता ll : माफ़ कर देना मुझे की मुझे माफ़ करना नहीं आता , ख़राब आदत है ,आग दिल की बुझाकर इसे राख करना नहीं आता ll सहेज़ कर रखती हूँ अल्फाज़ों को मैं , ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

जाने जहाँ कोई हमें,साथ तेरे ऐसी ही जगह जाना हैll...

गुप्तरत्न : न जाने जहाँ कोई हमें,साथ तेरे ऐसी ही जगह जाना हैll... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " न जाने जहाँ कोई हमें,साथ तेरे ऐसी ही जगह जाना हैll  नज़रों का धोखा है धुंध... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न" हिन्दू,मुस्लिम,सिख इसाई सब इसकी शान ह...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न" हिन्दू,मुस्लिम,सिख इसाई सब इसकी शान ह... : "गुप्त रत्न " "भावनाओं के समंदर मैं " गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : भावनायों के समन्दर मैं आपके लिए गुप्तरत्न 

गुप्तरत्न : भावनायों के समन्दर मैं आपके लिए गुप्तरत्न  : भावनायों के समन्दर मैं आपके लिए गुप्तरत्न  "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "नज़रों का ध...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " नज़रों का ध... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " नज़रों का धोखा है धुंध का ज़माना है, अपनी गलती कौन सुने ऐसा ही ज़माना है ll... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : तुम्हारे गुरुर के आगे तो हार गए हम, तुम्हें तो सली...

गुप्तरत्न : तुम्हारे गुरुर के आगे तो हार गए हम, तुम्हें तो सली... : तुम्हारे गुरुर के आगे तो हार गए हम,  तुम्हें तो सलीका सिखाने मैं हमारी उम्र गुज़र जाएगी  मान लिया की बहुत चाहने वाले है ,तुम्हारे, मुझ जैसा... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

अपनी गलती कौन सुने ऐसा ही ज़माना ...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " नज़रों का ध... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " नज़रों का धोखा है धुंध का ज़माना है, अपनी गलती कौन सुने ऐसा ही ज़माना ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

न जाने जहाँ कोई हमें,साथ तेरे ऐसी ही जगह जाना हैll

"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " न जाने जहाँ कोई हमें,साथ तेरे ऐसी ही जगह जाना हैll  न ज़रों का धोखा है धुंध का ज़माना है, अपनी गलती कौन सुने ऐसा ही ज़माना है ll माना की तेरे चाहने वाले कम नहीं, क्या कोई मुझसा तुम्हे चाहेगा,तुमको ही ये बताना है ll कडवाहट जुवान तक हो तो ठीक भी , मिजाज़ बन जाएँ जब ये,तो मुश्किल फिर निभाना है ll तेरी आवाज़ मैं नशा या आँखों मैं ज़्यादा, बता अब काम ये तेरा ही, मुझको समझाना है ll सही है , दोस्त कहे भी तो तुम्हे कैसे? तुम्हारा तो शौक है दुश्मनों की तरह हमें सताना है ll दिल की मजबूरी देखो मेरी भी "रत्न" दोस्त छोड़कर इसको दुश्मन की ही याद आना है ll म शहूर हो लोग जानते है तुम्हे , न जाने जहाँ कोई हमें,साथ तेरे ऐसी ही जगह जाना हैll

गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत...

गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत... : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इतनी तब ये गहराइयाँ आयी है ,ll सर पे सूरज था तो साथ न था कोई , उतरा जो सू... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

आपके लिए गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत...

गुप्तरत्न : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इत... : बहुत डूबी हूँ बहुत डूबीं हूँ , तुममे लफ्जों मैं इतनी तब ये गहराइयाँ आयी है ,ll सर पे सूरज था तो साथ न था कोई , उतरा जो सू... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : सोच  लो  एक बार पहले किसी को  गिराने से,उसी ज़मीं ...

गुप्तरत्न : सोच  लो  एक बार पहले किसी को  गिराने से, उसी ज़मीं ... : सोच  लो  एक बार पहले किसी को  गिराने से, उसी ज़मीं पे खड़े हो, खुदा देर न करेगा ठोकर लगाने से ll मुझे तो फक्र है इस चाहत  की शिद्धत पे , ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : दिल मेरा मजबूरी से नहीं मुहब्बत से दबा है ,पर इसे...

गुप्तरत्न : दिल मेरा मजबूरी से नहीं मुहब्बत से दबा है , पर इसे... : दिल मेरा मजबूरी से नहीं मुहब्बत से दबा है , पर इसे ज्यादा दबाना अच्छी बात नहीं ll अहमियत रखते हो ,जानते हो मेरी जिंदगी मैं , पर इसका फा... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गलतफहमियों के अँधेरे बड़े निराले है ,कितने ही उजले...

गुप्तरत्न : गलतफहमियों के अँधेरे बड़े निराले है , कितने ही उजले... : गलतफहमियों के अँधेरे बड़े निराले है , कितने ही उजले चहेरे हो ,आते नज़र काले है ll हम दोनों फसें है जिसमे बुरी तरह , किसी और के नहीं हमारे... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : गलतफहमियों के अँधेरे बड़े निराले है ,कितने ही उजले...

गुप्तरत्न : गलतफहमियों के अँधेरे बड़े निराले है , कितने ही उजले... : गलतफहमियों के अँधेरे बड़े निराले है , कितने ही उजले चहेरे हो ,आते नज़र काले है ll हम दोनों फसें है जिसमे बुरी तरह , किसी और के नहीं हमारे... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

कभी शर्ते तो कभी उलझन guptratn

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "कभी शर्ते तो ... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " कभी शर्ते तो कभी उलझन , कभी शर्ते तो कभी उलझन , अजीब दास्ताँ रही, कभी... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

आपके लिए आते है अल्फ़ाज़ तुमको देखकर "रत्न"

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"गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " कभी शर्ते तो कभी उलझन , कभी शर्ते तो कभी उलझन , अजीब दास्ताँ रही, कभी लगा शुरू हुई कभी ख़त्म ll भरने का नाम ही नहीं लेते , बड़े गहरे है ,दिए हुए वो मुझे तेरे सारे ज़ख्म ll अभी तो शुरुवात है लज्ज़त की , देखेंगे जानेमन कब तक कर सकोगे  तुम इसे हज़म ll आते है अल्फ़ाज़ तुमको देखकर "रत्न"  सच है , तुम्हारे ही है अब  ये गीत ग़ज़ल और ये नज़्म ll 

गुप्तरत्न : असर तो दोनों तरफ हुआ है ,आग गर यहाँ है ,तो वहां भ...

गुप्तरत्न : असर तो दोनों तरफ हुआ है , आग गर यहाँ है ,तो वहां भ... : असर तो दोनों तरफ हुआ है , आग गर यहाँ है ,तो वहां भी धुआं है ,ll  समन्दर मैं भी प्यास जाग उठी , जिस दिन से बादल ने उसे छुआ है ,ll  चल ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " असर तो दोनों तरफ हुआ है , आग गर यहाँ है ,तो वहां भी धुआं है ,ll  समन्दर मैं भी प्यास जाग उठी , जिस दिन से बादल ने उसे छुआ है ,ll  चल खेल कर देख ही लेते है , मुहब्बत भी तो आखिर एक जुआँ है ,ll  चल मान भी लेते है वो बातें, जो आँखों ने तुमसे कहा और सुना है,ll  ख्वाहिश ये इक तरफा नहीं, रत्न तेरी चाहत मेरे भी दिल की दुआं है ,ll  अब नही अल्फाज़ पास मेरे, मेरी आँखें और चेहरा ही मेरी जुबां है ll

गुप्तरत्न : मौसम बदला,आई भी बहार है ,मन सूना है ,बाहर झंकार ह...

गुप्तरत्न : मौसम बदला,आई भी बहार है , मन सूना है ,बाहर झंकार ह... : मौसम बदला,आई भी बहार है , मन सूना है ,बाहर झंकार है ll ये कैसा दांव लगा बैठे,  हम जीता  न तू ,न मेरी ही हार है ll अभी तलक  हम अलग नही... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है ,कुछ त...

गुप्तरत्न : गुप्तरत्न : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है ,कुछ त... : गुप्तरत्न : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है , कुछ तुम्हारा ,कु... : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है , कुछ तुम्हारा ,कुछ हमारा दिल भी बदलने... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है ,कुछ तुम्हारा ,कु...

गुप्तरत्न : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है , कुछ तुम्हारा ,कु... : देखो अब तो मौसम भी बदलने लगा है , कुछ तुम्हारा ,कुछ हमारा दिल भी बदलने लगा है ll सर्द मौसम सी मुहब्बत जमी रही दिल मैं , अब तेरी बेरुखी ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

#गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं "चाहती हूँ क...

गुप्तरत्न : "गुप्त रत्न "" भावनाओं के समंदर मैं " चाहती हूँ क... : "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं " चाहती हूँ कुछ लिखना ऐसा जो सबका मन चीर दे , भर दे ह्रदय हौसले से पर आँखों ... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "

गुप्तरत्न : तुम्हारा इन्कार हमको इन्कार, नहीं लगता ,नहीं  है ...

गुप्तरत्न : तुम्हारा इन्कार हमको इन्कार, नहीं लगता , नहीं  है ... : तुम्हारा इन्कार हमको इन्कार, नहीं लगता , नहीं  है ! तुमको हमसे     प्यार, नहीं लगता ll तुमने तो कड़वेपन की हद ही कर दी अब , ज़ुबा से तुम्... "गुप्त रत्न " " भावनाओं के समंदर मैं "